उपसर्ग परिचय-
संस्कृत व्याकरण में उपसर्ग शब्द का प्रयोग एक विशेष अर्थ में किया जाता है। उपसर्ग धातु का धातु से बने नाम (संज्ञा) से पहले लगकर उसका अर्थ बदल देता है। इसका प्रयोग किसी क्रिया के पद से पूर्व लगाकर किया जाता है।परिभाषा-
उपसर्ग जो शब्दांश हैं जिसका अपना स्वतंत्र अर्थ नहीं होता है, पर जब वे किसी अन्य शब्द उसके पहले जोड़ दिए जाते हैं तो उस शब्द के मूल अर्थ के कुछ विशेषता ला देता है या उसके अर्थ को नितांत बदल देता है।
जैसे- निराहार, आहार का अर्थ होता है खाना और नीर उपसर्ग के संयोग से अर्थ हुआ- 'आहार रहित'।
वैज्ञानिक परिभाषा
वह बद्ध रूपास जिसका अपना कोई स्वतंत्र अस्तित्व ना हो, किंतु जो किसी स्वतंत्र रूपास के पूर्व आकर किसी विशिष्ट अर्थ का प्रकाशन करें उपसर्ग कहलाता है।उप+हार=उपहार, अर्थ- भेट
हिंदी में उपसर्ग मुख्यता तीन प्रकार के होते हैं-
1. तत्सम उपसर्ग
2. तद्भव उपसर्ग
3. विदेशी उपसर्ग
1.तत्सम उपसर्ग
जो उपसर्ग हिंदी में संस्कृति से यथावत ग्रहण कर लिया गया है ,वह तत्सम है; जैसे-
अप, अभि, अव, आ, उप, अति, अनु, अधि आदि।
उपसर्ग अर्थ उदाहरण
अप लघुता,हीनता अपमान, अपभ्रंश, अपराध, अपशब्द।
अभि ओर, अधिकता अभिशाप, अभिमान, अभिसुख।
उप समीप, छोटा, सहायक उपवर्ग, उपनिषद, उपमंत्री।
दुर् बुरा दुर्जन, दुर्लभ, दुर्गुण, दुराचार।
निस् बिना, रहित निसंदेह, निस्ताप, निस्तारण।
परि चारों ओर परिमाण, परिचारिका, परिवर्तन।
सु सरल अच्छा सुलभ, स्वागत, सुदूर, सुकर्म, शुभम।
संस्कृत के उपसर्ग
अंत: भीतर अंतःकरण, अंत:पुर, अंतर्गत, अंतर्दशा।
अध: नीचे, निम्न अधोगति, अधोभाग, अधोमुख, अध:पतन।
इति यह, ऐसा इतिवृत्त, इतिपूर्व, इतिहास।
स सहित सजीव, सजातीय, सफल।
सह साथ सहज, सहकारी, साहभोज।
तद्भव उपसर्ग
संस्कृत उपसर्ग या शब्दों से ध्वनि परिवर्तन के फलस्वरुप हिंदी में पहुंचे उपसर्ग तद्भव उपसर्ग हैं; जैसे-
अ, क, नि, स, चौ आदि।
उपसर्ग अर्थ उदाहरण
अ निषेध, अभाव अक्षित, अशोक, अनाथ, अमेल ।
कु बुराई, नीचता कुचक्र, कुचाल, कुढ़ग, कुघड़ी।
नि रहित, नहीं निडर, निषेध, निधड़क, निगोड़ा।
स उत्तम, सहित सपूत, सरस, सकाम, सहित।
चौ चार चौकन्ना, चौपाई, चौराहा, चौमुखा।
विदेशी उपसर्ग
अरबी - फारसी के उपसर्ग
जो उपसर्ग विदेशी भाषाओं विशेषता अरबी और फारसी से आए हैं उन्हें विदेशी उपसर्ग कहा जाता है; जैसे-
अल, खुश, दर, ब, वे, ला, बिला, हम, सर, ना आदि।
उपसर्ग अर्थ उदाहरण
अल निश्चित अलबत्ता, अलविदा।
खुश श्रेष्ठ, अच्छा खुशमिजाज, खुशबू, खुशकिस्मत।
दर में दरकार, दरअसल, दरमियान।
ब सा, के, में अनुसार बदौलत, बकायदा ,बाइज्जत।
वे बिना वेकाम, बेइज्जत, बेक़सूर।